कुछ बातें ................
बातें कुछ ऐसी हो जाती हैं ,
जबाँ ख़ामोश हो जाती हैं ।
वो उड़ा करते थे आसमान में ,
अब तो जमीं पर कदम जड़ जाते हैं ।
मुलाकातों का सिलसिला भी,
हसीन था इस कदर
कि अब वो तस्वीर ,
दिल में उतर आती है ।
ज़िन्दगी कुछ ऐसे ताने -बाने बुनती है ,
कि उलझ के रह जाते हैं ,
बस एक कसर थी जहन में ,
जो मन के किसी कोने में ठहर जाती है ।
इस दौर का क्या कहना ,
वो रुक से गए हैं
वर्ना वो लोगों की नाव ,
पार लगाया करते थे ।
-सृजन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें